रोष प्रदर्शन / भीम आर्मी ने पंजाबभर में किया सड़क और रेल यातायात ठप, जालंधर में जाम में फंसने से सरपंच की चाची की मौत

प्रोमोशन में आरक्षण, सीएए और एनआरसी के खिलाफ सूबे में भारत बंद की कॉल का मिलाजुला असर रहा। जम्मू-जालंधर व अमृतसर-पानीपत नेशनल हाईवे पर यात्रियों व राहगीरों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। प्रदर्शनकारी सुबह 9 बजे सड़कों पर उतर आए। जाम से कई किलोमीटर लंबी कतारें लग गईं। भोगपुर में जाम में फंसी 70 वर्षीय बीमार महिला की मौत हो गई। वहीं इमरजेंसी में जा रहे रोगियों व मुसाफिरों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। पठानकोट चौक जालंधर में सत्संग सुनने आए श्रद्धालु छोटे-छोटे बच्चों समेत भूखे-प्यासे जाम में फंस गए। कई जगह लोगों की कहा-सुनी भी हुई। कुछ लोग मिन्नतें करते भी दिखे। मलोट, गिद्दड़बाहा में पुलिस ने खुद ही दुकानें बंद करवाईं। फतेहगढ़ साहिब में प्रदर्शनकारियों को खदेड़ने के लिए लाठीचार्ज किया। अमृतसर में प्रदर्शनकारियों ने ट्रैक पर जाम लगाया। शताब्दी ट्रेन वाया तरनतारन रवाना होने से डेढ़ घंटा लेट हुई। प्रदर्शनकारी तीन बजे तक हाईवे पर डटे रहे। कपूरथला, गुरदासपुर, होशियारपुर, मलोट, गिद्दड़बाहा, पटियाला में प्रदर्शन हुए।



फिलहाल असम में एनआरसी लागू किया गया है। देश के गृहमंत्री इसे अन्य राज्यों में भी लागू करना चाहते हैं, जिसका अलग-अलग संगठनों की तरफ से विरोध किया जा रहा है। रविवार को भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं ने जालंधर के किशनगढ़ चौक पर धरना दिया। धरने में किशनगढ़, अलावलपुर और कई गांव के नौजवानों ने भाग लिया। इसके कारण जालंधर से पठानकोट, पठानकोट से जालंधर किशनगढ़ से आदमपुर और किशनगढ़ से करतारपुर जाने वाली सड़कों में गाड़ियों की लंबी लाइनें लग गई। जाम के कारण लोगों को को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।



प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार सीएए को वापस ले अन्यथा जोरदार प्रदर्शन किया जाएगा। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र की मोदी सरकार देश में विभाजनकारी फैसले ले रही है, जिसका हर स्तर पर विरोध किया जाएगा। इस दौरान सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई। प्रदर्शनकारियों की मानें तो देश एनआरसी और एनपीआर को लागू करने से सदभाव को खतरा पैदा हो सकता है।


वक्त पर अस्पताल पहुंचती तो शायद बच जाती सरपंच की चाची
भोगपुर में कांग्रेसी सरपंच की बीमार 70 वर्षीय चाची गुरमीत कौर के समय पर अस्पताल नहीं पहुंचने की वजह से मौत हो गई। गांव डल्ला की सरपंच के पति चरनजीत सिंह ने बताया उनकी चाची गुरमीत कौर को दोपहर 1 बजे हार्ट अटैक आया। वह तुरंत अपने पारिवारिक मैंबर्स के साथ निजी वाहन में उन्हें अस्पताल ले जाने को रवाना हुए। जीटी रोड पर धरना लगाए जाने के कारण लंबा जाम था। उन्होंने यू टर्न लिया और दूसरे रास्ते से निकले लेकिन आगे फिर कुछ प्रदर्शनकारियों ने उनकी गाड़ी रोक ली। वहां मौजूद पुलिस प्रशासन ने जाम से उन्हें बाहर निकाला। वे अस्पताल पहुंचे, जहां डॉक्टर्स ने उन्हें जालंधर रैफर कर दिया। रास्ते में उन्होंने दम तोड़ दिया। चरणजीत ने कहा गर वक्त पर अस्पताल पहुंच जातीं तो चाची बच सकती थीं।



भाई जाण दो! बहुत जरूरी कम्म है, बिजनेस दा नुकसान हो जाउगा...
पठानकोट चौक निजी कार से क्लाइंट्स को लेने जा रहे हैप्पी पठानकोट चौक में लगे लंबे जाम में फंस गए। प्रदर्शनकारियों से मिन्नते करते हुए हैप्पी ने कहा कि भाजी मेरी पहले दी बुकिंग सी, जे मैं क्लाइंट्स नूं लैण टाइम ते नहीं पुजिया तां मेरा बिजनेस दा नुकसान हो जाउगा। मेरे क्लाइंट्स वी परेशान हो जाणगे। हैप्पी ने कहा कि अगर पहले पता होता तो मैं शार्टकट से जाता।



मैं दिल्ली की हूं, एयरपोर्ट जाने दो, मेरी फ्लाइट मिस हो जाएगी
जाम में फंसी बस के मुसाफिर सीधे प्रदर्शनकारियों से ही मिन्नतें करने लगे। महिला यात्री ने कहा, मैं दिल्ली की हूं, हमें एयरपोर्ट जाने दीजिए, नहीं पहुंचे तो फ्लाइट मिस हो जाएगी। वहीं एक अन्य महिला बोली, मेरा पंजाब से कोई वास्ता नहीं मैं दिल्ली से आई हूं। जब प्रदर्शनकारी नहीं माने तो जाम में फंसी लोकल सवारियों ने छोटे बच्चों के साथ पैदल ही जाना मुनासिब समझा।



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